बेलपत्र का महत्व

बेलपत्र का महत्व स्कंदपुराण’ में बेल पत्र के वृक्ष की उत्पत्ति के संबंध में कहा गया है कि एक बार माँ पार्वती ने अपनी उँगलियों से अपने ललाट पर आया पसीना पोछकर उसे फेंक दिया , माँ के पसीने की कुछ बूंदें मंदार पर्वत पर गिरीं , कहते है उसी से बेल वृक्ष उत्पन्न हुआ। बिल्व पत्र के वृक्ष को ” श्री वृक्ष ” भी कहा जाता है इसे ” शिवद्रुम ” भी कहते है। शास्त्रों में अनेको जगह बेलपत्र का महत्व , बताया गया है। बिल्वाष्टक और शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को बेलपत्र अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि बेल पत्र के तीनो पत्ते त्रिनेत्रस्वरूप् भगवान शिव के तीनों नेत्रों को विशेष प्रिय हैं। बिल्व पत्र के पूजन से सभी पापो का नाश होता है । बिल्व का पेड़ संपन्नता का प्रतीक , बहुत पवित्र तथा समृद्धि देने वाला है। मान्यता है कि बिल वृक्ष में माँ लक्ष्मी का भी वास है अत: घर में बेल पत्र लगाने से देवी महालक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं , जातक वैभवशाली बनता है। शास्त्रों के अनुसार इस वृक्ष की जड़ों में माँ गिरिजा , तने में माँ महेश्वरी , इसकी शाखाओं में माँ दक्षयायनी , बेल पत्र की पत्तियों में माँ प...